भारत के 7 नाम

इस लेख के जरिये हम भारत के 7 नाम के बारे में जानेंगे। वैसे तो हम सब हमारे देश के तीन नाम जानते ही है जैसे कि भारत, इंडिया और हिन्दुस्तान। लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि समय-समय पर भारत देश को अलग-अलग नामों से जाना जाता था। हम उन सारे भारत के 7 नाम के पीछे का इतिहास भी समझेंगे कि आखिर उन नामों का मतलब या उसके पीछे का कारण क्या था?

वैसे हमारे देश भारत का इतिहास भी सदियों पुराना है। यहाँ के हर राज्य की एक अलग ही पहचान रही है। आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ पर आपको भारत जैसा देश नहीं मिलेगा। आप खुद ही सोचो, हमारे भारत में जंगल और गांव है तो उसके साथ बड़े बड़े शहर भी है। हमारे एक तरफ विशाल हिमालय है तो उसके ठीक उलट हमारा देश तीन तरफ से समुन्द्र और महासागर से घिरा हुआ है। आपको इस देश में हर चीज़ मिलेगी जैसे रेगिस्तान, हरे-भरे खेत, नदियाँ इत्यादि।

भारत देश हम सबको इतना प्यारा है कि हम भले ही दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएँ लेकिन हमारा दिल हमेशा भारतीय का ही रहता है। इसकी वजह है हमारी परंपरा, आपस का भाईचारा और यहाँ की मिटटी की खुशबू। हमारा देश हमें अपने पास बुला ही लेता है। खैर, ये सब तो हो गयी हमारे प्यारे देश की बात तो अब हम भारत के 7 नाम के बारे में जान लेते है।

भारत के 7 नाम

दोस्तों, हमारा देश भारत अब नए दौर में पहुँच गया है। इसी साल (2023) में सरकार ने भी ये घोषित कर दिया है कि हमारे देश का आधिकारिक नाम भारत होगा। लेकिन हमारे इतिहास को देखे तो भारत के समय-समय कई नाम रह चुके है। ये बात भी सत्य है कि उन सब नामों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय और प्रचलित नाम भारत ही है। तो चलिए, एक-एक करके भारत के 7 नाम देखते हैं।

1. आर्यावर्त

इतिहास की माने तो भारत में सबसे पहले आर्य लोग आकर बसे थे। ऐसा माना जाता है कि आर्य लोग मूलतः मध्य एशिया से भारत आये थे। इन लोगों ने ही भारत देश को बसाया था।

एक मान्यता यह भी है कि आर्य लोग भारत के मूल निवासी थे। अभी तक इन बातों पर बहस होती रहती है कि आर्य बाहर से आये थे या मूल निवासी थे। चाहे जो भी हो, आर्य लोगों के भारत में होने की वजह से ही भारत का नाम आर्यावर्त पड़ा। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि हमसब ( ज्यादातर उत्तर भारत के लोग ) आर्य लोगों की ही संतान है।

2. भारत या भारतवर्ष

ऋग्वेद के अनुसार आर्यावर्त में भारत नाम की एक मूल जाती थी जो महाराजा भरत के वंसज थे। महाभारत में भी राजा भरत का उल्लेख मिल जाता है जो राजा दुष्यंत के पुत्र थे। पुराणों के अनुसार प्राचीन काल में 10 राजाओं के बीच युद्ध हुआ था जिसमे राजा भरत विजयी हुए थे।

इसी वजह से राजा भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा। वास्तव में राजा भरत के वंसज को पुराणों में भारत कहा गया हैं। इसी वजह से सनातन धर्म में आज भी कई पूजा वगैरह में भारतवर्ष का नाम लिया जाता है क्यूंकि भारत असल में एक मूल जाती थी जो राजा भरत के वंसज थे। धीरे-धीरे उसी एक भारत जाती से लोगों ने कई जातियाँ बना ली जो आज तक चलता आ रहा है और चिंता का विषय भी है।

3. अजनाभवर्ष

पुराणों के अनुसार महाराज नाभि और मेरुदेवी की कोई संतान नहीं थी। संतान पाने की इक्छा से इन्होने यज्ञ करवाया और तब जाकर इनको पुत्र की प्राप्ति हुई। इस समय पुराणों में भारत देश के लिए अजनाभवर्ष नाम का वर्णन किया गया है।

अजनाभवर्ष नाम के पीछे एक कारण यह भी है कि महाराज नाभि का एक नाम अजनाभ भी था। अजनाभवर्ष वास्तव में भारतवर्ष से भी पुराना नाम है।

4. भारतखंड

भारतखंड नाम का वर्णन आपको लगभग सारे ग्रंथो में मिल जाएगा। हिन्दू सनातन धर्म में भी पूजा करवाते वक्त पंडित भारतखंडे नाम का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा आपको भारतखंड नाम महाभारत और रामायण में भी मिल जाएगा।

वैसे ऊपर के सारे नाम तो भारत देश में प्राचीन काल से इस्तेमाल होते आया है। ये सारे नाम यहाँ के रहने और बसने वाले लोगों ने ही दिया है। उस समय पर भारत में सिर्फ सनातन धर्म के लोग रहा करते थे। इसी एक वजह से ऊपर के सारे नाम आपको वेद और ग्रन्थ में देखने को मिल जाते है। अब हम बात करते है जम्बूद्वीप, हिन्दुस्तान और इंडिया नाम के बारे में।

5. जम्बूद्वीप

जम्बूद्वीप का उल्लेख आपको इंडोनेशिया, बालि और थाईलैंड देशों के पुराने किताबों में मिल जाएगा। आज भी इन देशों के नागरिक भारत के लिए जम्बूद्वीप का इस्तेमाल करते है। जम्बू का मतलब होता है विशाल और वहां रहने वाले लोगो को लगता था कि भारत एक विशाल द्वीप है। इसी वजह से वहां से लोग प्राचीन काल से भारत के लिए जम्बूद्वीप का इस्तेमाल करते है।

पर आप ये सोच रहे होंगे कि प्राचीन काल में इंडोनेशिया, थाईलैंड और बालि देश में रहने वाले लोगों को भारत का पता कैसे था। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि दक्षिण भारत में एक समय चोला ( Chola ) वंश का राज था। राजाराजा चोला 1 और उनके बाद आने वाले राजाओं ने श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेसिया और थाईलैंड जैसे देशों तक अपना राज फैला लिया था। इसी वजह से आपको इन देशों में भी दक्षिण भारतीय लोग काफी संख्या में मिल जाएंगे। यही नहीं, इसके अलावा आपको इन देशों में काफी सारे मंदिर भी मिल जाएंगे।

6. हिन्दुस्तान

अब हम जानते है कि भारत का नाम हिन्दुस्तान कैसे पड़ा। यह नाम असल में हिंदी भाषा से नहीं बल्कि फ़ारसी और अरबी भाषा से निकला हुआ है। जब भारत देश पर मुस्लिम राजाओं ने आक्रमण करना चाहा तो रास्ते में उनको सिंधु नदी मिली जो आज भी पाकिस्तान में बहती है। सिंधु नदी का सनातन धर्म में भी काफी महत्व है। सिंधु नदी के दूसरी तरफ लगभग मुसलमान राजाओं का राज काबिज़ था जैसे अहमद शाह अब्दली जो अफ़ग़ानिस्तान का राजा हुआ करता था।

अहमद शाह अब्दली के पहले से ही भारत देश पर मुसलमान राजाओं का आक्रमण जारी था पर पुराने समय में उन लोगों को सिंधु नदी को पार करने में काफी दिक्कत होती थी। उन लोगों के कई सारी किताबों में भी आपको हिन्दुस्तान नाम का वर्णन मिल जाएगा। उनके हिसाब से सिंधु नदी के दूसरी तरफ जो भारत देश है, उनको मुसलमान लोगों ने शुरू में सिंधु या इंदु देश कहकर बुलाया। फिर धीरे-धीरे सिंधु से हिन्दू हो गया, मुसलमान लोग भारत देश के लोगों को हिन्दू बोलकर संबोधित करते थे।

जब उनलोगों ने भारत में रहने वाले लोगों को हिन्दू बोला तो इस देश को हिन्दुस्तान के नाम से संबोधित करने लगे। आपको हिन्दुस्तान नाम का उल्लेख मुग़ल काल और दिल्ली सल्तनत के किताबों में मिल जाएगा। ये सब तो फिर भी ठीक है पर उनलोगों ने यहाँ के लोगों को हिन्दू बोला तो यहाँ के लोग भी अपने धर्म का नाम हिन्दू बताने लगे, जो गलत है। वास्तव में, हिन्दुस्तान में रहने वाले सभी लोग हिन्दू कहलाते है पर अगर हम धर्म की बात करे तो जिसको लोग हिन्दू धर्म समझते है, असल में उस धर्म का नाम सनातन धर्म है नाकि हिन्दू धर्म।

7. इंडिया (India)

आज भी कई सारे लोगों को यह लगता है कि भारत को इंग्लिश या अंग्रेजी भाषा में इंडिया ( India ) कहते है, जो गलत है। आप ज़रा सोचकर देखो, आपने कभी अमेरिका देश का हिंदी नाम सुना है या फिर किसी भी देश का। हर देश का नाम जो भी होता है, वो नाम सभी भाषाओं में एक समान होता है जैसे Japan का हिंदी जापान और America का हिंदी अमेरिका। उम्मीद है अब आपको समझ आ गया होगा कि भारत को अंग्रेजी भाषा में Bharat ही कहेंगे। अब हम इंडिया नाम के पीछे का कारण समझ लेते है।

जब यूनानी लोगों ने भारत देश पर आक्रमण किया ( ये बात मुस्लिम राजाओं से पहले की है ), तो उनको भी सिंधु नदी पार करने में दिक्कत आयी। सिंधु नदी की वजह से तो एलेग्जेंडर को भी वापस जाना पड़ा था जो विश्व विजय करने निकला था। इन देशों के लोग सिंधु नदी को इंडस ( Indus ) नाम से बुलाते थे। इसी एक वजह से इन लोगों ने भारत देश को इंडिया कहकर संबोधित किया था। बाद में अंग्रेजों की सरकार ने भी भारत को इंडिया के नाम से ही संबोधित किया। तो ये रहे भारत के 7 नाम। अब हम भारत के 7 नाम से जुड़े सवालों के बारे में जान लेते हैं।

भारत के 7 नाम से जुड़े सवाल

भारत के 7 नाम क्या है?

भारत के 7 नाम है - आर्यावर्त, भारत या भारतवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतखंड, जम्बूद्वीप, हिन्दुस्तान और इंडिया।

भारत के 10 नाम क्या है?

भारत के 10 नाम इस प्रकार हैं - भारत, भारतवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतखंड, इंडिया, हिन्दुस्तान, जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, हिमखंड और रीवा।

भारत का सबसे पहला नाम क्या था?

भारत का सबसे पहला नाम अजनाभवर्ष था। हालाँकि, कुछ इतिहासकारों के मुताबिक भारत का सबसे पहला नाम आर्यावर्त था।

भारत को कितने नाम दिए गए हैं?

भारतीय संविधान में भारत के लिए सिर्फ 2 नाम ही वर्णित है - भारत और इंडिया।

सार

मुझे उम्मीद है कि आपको भारत के 7 नाम के पीछे की कहानी पता चल गयी होगी। वैसे एक बात तो है कि इन सब नामों में से सिर्फ भारत नाम प्राचीन काल से चला आ रहा है। भारत नाम हम सबके दिल में ऐसे समां गया है कि हम इस शब्द का उपयोग कई जगह करते है जैसे हमारे राष्ट्रगान में भी “भारत भाग्य विधाता” आता है।

फिर भी न जाने क्यों लोग इस नाम को लेकर आज भी लड़ाई कर रहे हैं। हम चाहे कहीं भी जाए या कहीं भी रहे, हम हमेशा भारतीय ही रहेंगे। अब काफी लोग ये सोचेंगे कि इंडिया नाम में आखिर बुराई ही क्या है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि इंडिया, हिन्दुस्तान या जम्बूद्वीप नाम हमें बाहर के लोगों ने दिया है। सिर्फ भारत ही एकमात्र लोकप्रिय नाम है जिसका अस्तित्व प्राचीन काल से है और हमेशा रहेगा।

तो दोस्तों, इसी के साथ हम इस लेख ( भारत के 7 नाम ) को यहीं समाप्त करते है। मुझे आशा है कि आपको ये लेख और हमारा वेबसाइट पसंद आया होगा। अगर आपको अच्छा लगा तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर लें। आपके इस कदम से मुझे काफी ख़ुशी होगी। धन्यवाद, मिलता हूँ आपसे एक नए लेख में।

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